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अवैध खनन के खेल में वन पर्यावरण प्रदूषण के साथ करोड़ों के राजस्व का लगा चूना -विनय श्रीवास्तव

अवैध खनन के इस खेल में ज़िम्मेदार अधिकारियों की विश्वसनीयता पर खड़ा हो रहा है प्रश्नचिन्ह ? जबकि यह  महत्वपूर्ण खनिज विभाग उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री सीएम आदित्यनाथ योगी के पास है। इसके बाद भी जमकर अवैध खनन का खेल खेला जा रहा है जिससे अत्याधिक पर्यावरणीय क्षति को अंजाम दिया जा रहा है , और जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए  तमाशा देख रहे हैं । इस पर जनपद के युवा समाजसेवी एवं तेजतर्रार भाजपा नेता विनय श्रीवास्तव ने आवाज़ बुलंद करते हुए सोनभद्र के जिम्मेदार अधिकारियों से तत्काल पर्यावरण क्षति पर विराम लगाने की मांग की है।

समर सैम की रिपोर्ट
सोनभद्र। जनपद सोनभद्र में अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है। अवैध खनन के इस खेल में ज़िम्मेदार अधिकारियों की विश्वसनीयता पर खड़ा हो रहा है प्रश्नचिन्ह ? जबकि यह  महत्वपूर्ण खनिज विभाग उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री सीएम आदित्यनाथ योगी के पास है । इसके बाद भी जमकर अवैध खनन का खेल खेला जा रहा है जिससे अत्याधिक पर्यावरणीय क्षति को अंजाम दिया जा रहा है , और जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए  तमाशा देख रहे हैं । इस पर जनपद के युवा समाजसेवी एवं तेजतर्रार भाजपा नेता विनय श्रीवास्तव ने आवाज़ बुलंद करते हुए सोनभद्र के जिम्मेदार अधिकारियों से तत्काल पर्यावरण क्षति पर विराम लगाने की मांग की है।

विनय श्रीवास्तव का कहना है कि
अवैध खनन में लिप्त पट्टाधारकों ने अवैध खनन के सापेक्ष लगे शमन शुल्क को तो जमा कर दिया पर उनके द्वारा पर्यावरणीय क्षति पूर्ति न जमा कर प्रशासन को अपने मन मुताबिक प्रभावित करने का कुचक्र रचा जा रहा है जिससे राजस्व की भारी क्षति कारित होने की प्रबल संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।


वन एवं पर्यावरण मंत्री उत्तर प्रदेश शासन के सोनभद्र दौरे के दौरान विनय श्रीवास्तव ने  उनसे मुलाकात कर अवैध खनन कर राजस्व एवं पर्यावरण की क्षति करने वाले पट्टा धारकों के खिलाफ विधिक कारवाई करते हुए शासनादेशनुसार उनसे पर्यावरणीय क्षति पूर्ति वसूल कराए जाने के सम्बंध में शिकायती पत्र सौंपा। वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने आश्वासन दिया की नियमानुसार बकाया पर्यावरणीय क्षति पूर्ति शुल्क जमा कराया जाएगा।

ग्राम बिल्ली मारकुंडी तहसील ओबरा जनपद सोनभद्र में आराजी संख्या 7536 ग खण्ड नम्बर एक में स्वीकृत खनन पट्टा मेसर्स साईं राम इंटरप्राइजेज के नाम से डोलो स्टोन की खनन लीज स्वीकृत है। इसके साथ ही आराजी नम्बर 4478 छ में सचिन अग्रवाल के नाम से मेसर्स ओमेक्स मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड व राजीव कुमार शर्मा की मेसर्स बाबा खाटू इंडस्ट्रीज़ आराजी नम्बर 5593 क, खण्ड नम्बर 8 में साथ ही मनीष खुसलानी के नाम से मेसर्स के डी रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड व आराजी नम्बर 7407 में सुरेश चंद्र गिरी के नाम से डोलो स्टोन का खनन लीज पट्टा स्वीकृत है।

उक्त सभी डोलो स्टोन खनन पट्टा धारकों का खनन पट्टा स्थल सुरक्षित वन एरिया के समीप है। जिनके द्वारा खनन पट्टा एरिया से बाहर वन एरिया में बढ़कर बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया गया है। जिसकी जांच खनन निदेशक डॉक्टर रोशन जैकब द्वारा 2023 के जुलाई माह में विभिन्न तिथियों पर किया गया। इसके बाबत अवैध खनन की पुष्टि होने पर डॉक्टर जैकब द्वारा सोनभद्र जिलाधिकारी को उपरोक्त खनन व्यवसाइयों पर अवैध खनन की पेनाल्टी अधिरोपित करते हुए खनन पट्टा निरस्तीकरण करने का निर्देश दिया गया था। परंतु सभी खनन पट्टे पूर्वरत संचालित है।

मंत्री जी के संज्ञान में यह बातें लाते हुए विनय श्रीवास्तव ने कहा कि निदेशक महोदया के आदेश पर जिलाधिकारी द्वारा कराए गए जांच में उपरोक्त लीज धारकों द्वारा किए गए अवैध खनन की पुष्टि होने के बाद उनपर किये गए अवैध खनन के सापेक्ष पेनाल्टी लगाकर खनन विभाग ने अपना राजस्व तो वसूल कर लिया परन्तु पर्यावरर्णीय क्षति पूर्ति की वसूली हेतु पर्यावरण विभाग को सूचित नहीं किया गया। नियमानुसार किसी भी पट्टाधारी द्वारा अवैध खनन के बाबत अधिरोपित शमन धनराशि यदि जमा कर दिया गया है तो पट्टाधारी के ऊपर अधिरोपित धनराशि की छह गुना पर्यावरणीय क्षति की वसूली किये जाने का प्राविधान किया गया है। लेकिन यही करोड़ों रुपए नहीं जमाकर घोर अपराध कारित किया गया है।

इसी विषय पर मंत्री जी के सोनभद्र दौरे के दौरान विनय श्रीवास्तव ने मिलकर लिखित शिकायत करते हुए गुज़ारिश की कि डॉक्टर रोशन जैकब के निर्देश पर की गई अवैध खनन की जांच में मिले अवैध खनन करने वाले पट्टा धारकों पर नियमानुसार शासनादेशानुसार छह गुना पर्यावरणीय क्षति पूर्ति लगाते हुए उनका खनन पट्टा निरस्तीकरण की कारवाई तथा शमन शुल्क की अविलम्ब वसूली सुनिश्चित करवाने का श्रम प्रदान करें जिससे कि राज्य सरकार को राजस्व क्षति तथा उनके द्वारा किये गए पर्यावरणीय छति को यथा सम्भव बचाया जा सके। अब देखना यह है कि बेलगाम अवैध खनन पर ज़िम्मेदार अधिकारी कैसे अंकुश लगाते हैं। या फिर खनन बेल्ट में नियम को ताक पर रख कर अवैध खनन का यह खेल बदस्तूर जारी रहता है।

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