अल्ट्राटेक ने वर्षो से संचालित दुकानों के ध्वस्तीकरण का दिया तुगलकी आदेश , व्यापारियों में आक्रोश , जिलाधिकारी ने दिलाया न्याय का भरोसा
डाला । सोनभद्र । 16 अक्टूबर 24 । स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र के डाला बाजार में वर्षों से संचालित दुकानों के एक निजी संस्थान द्वारा ध्वस्तिकरण के फरमान को लेकर व्यापारियों ने डाला व्यापार मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में बैठक कर आंदोलन की रणनीति पर की चर्चा।
उल्लेखनीय हैं कि डाला सीमेंट फैक्ट्री के राज्य सीमेण्ट निगम के कार्यकाल के समय में सरकारी क्षेत्र की कंपनी के द्वारा सड़क के किनारे 83 दुकाने बनाई गई थी जिन्हें स्थानीय निवासियों में से कुछ लोगों को रोजगार के लिए दिये गए थे। जिससे लोग अपनी रोजी-रोटी इन्हीं दुकानों से चलाते आ रहे हैं । सरकारी फरमान से निजीकरण में जेपी एसोसिएट के बाद अल्ट्राटेक के हाथो मे सीमेंट फैक्ट्री के आने के बाद वर्षों बाद भी इन दुकानदारों पर निजी कंपनी के द्वारा किराया वसूला जाता रहा है। वहीं अब एक तरफ की कुछ दुकानों को हटाने के निर्देश के बाद दुकानदारों में आक्रोश व्याप्त है ।
संस्थान के इसी तुगलकी आदेश से आक्रोशित व्यापारियों ने आज डाला व्यापार मंडल अध्यक्ष मुकेश जैन के नेतृत्व में बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा किया गया । घटना को लेकर व्यापार मंडल अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि 43 वर्षों से संचालित दुकानों को गिराये जाने का आदेश व्यापारियों का उत्पीड़न है । जिससे व्यापारी न सिर्फ परेशान हैं बल्कि अपने जीविकोपार्जन के एकमात्र साधन को लेकर चिंतित है कुछ दुकानदारों ने बताया कि आये दिन अल्ट्राटेक के कर्मचारी अधिकारी आकर परेशान करते हैं ।
इससे दुकानदारों कि नींद हराम हो गई है और रात्रि में भी आकर दुकानों की देख रेख करना पड़ रहा है पता नहीं कब उनकी दुकानों को निजी संस्थान ध्वस्त कर दे । इस प्रकार के वातावरण में दुकानदार काफी भयभीत है इसी को लेकर सभी दुकानदारों ने बैठक कर अल्ट्राटेक के उत्पीड़न के खिलाफ एक आंदोलन की रणनीति पर चर्चा किया गया ।
इस मामले पर व्यापार मंडल अध्यक्ष मुकेश जैन ने जिलाधिकारी को मामले को लेकर पर वार्ता किया गया जहां जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि अल्ट्राटेक से वार्ता कर समस्त दुकानदारो को पहले स्थापित करके ही दुकानों को हटाया जाना चाहिए इस मामले में कांग्रेस नेता राजू दुबे ने बताया कि मैने पहले ही घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक शिकायत पत्र से अवगत करा चुका हूं । राजू दुबे ने कहा कि वर्षों से राज्य सरकार के अधीन चल रहे यह दुकाने सरकार की संपत्ति है जिस पर नगर पंचायत या जिला प्रशासन को फैसला लेना चाहिए अल्ट्राटेक जो किराया भी ले रहा है और अब ध्वस्तीकरण की बात कर रहा वह पूरी तरह से गलत है । उक्त भूमि भवन की जांच जिला प्रशासन को करना चाहिए। जिससे पहले स्पष्ट हो कि वह सम्पत्ति किसकी है।
बरहाल यह सब जाच के बाद हि स्पष्ट होगा कि जिस सम्पत्ति पर किराया वसूला जाता रहा है वह सरकारी है या गैर सरकारी है। फिलहाल डाला मे सैकडो दुकानदारो मे अपने रोजगार को लेकर चिन्ता बढ गयी है। कुछ दुकानदारो ने बताया कि हम लोगो को जर्जर हालत मे दुकाने दि गयी थी हम लोगो ने लाखो लगाकर मरम्मत कराकर रोजगार करते है और किराया भी देते रहते है फिर अचानक खाली करने का फरमान तानाशाही है।
जिला प्रशासन संज्ञान मे लेकर इसकी जाच की जानी चाहिए।इस मामले मे अल्ट्राटेक के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कम्पनी के भारी वाहन प्रवेश मे पार्किग कि समस्याए बढ रही है। आए दिन दुर्घटना कि सम्भावनाएँ होती है इसलिए दुकानों का हटाया जाना आवश्यक है।
बैठक मे रुस्तम अंसारी, रमेश, बलिराम, मुन्ना मोदनवाल ,विनय, अमन, सुशील ,विजय ,मजतंबो अंसारी, अन्नू गुप्ता ,नंदलाल, शशि पाठक, अनुज कुमार ,अर्पण , नरेश जैन, सुरेश जैन ,श्याम अवध सहित व्यापारियों ने बैठक में अपने रोजगार को लेकर चर्चा किया गय।