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अब केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा हुई आसान !

विंध्यलीडर के संपादक राजेन्द्र द्विवेदी की खास रिपोर्ट

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों तक पहुंच आसान बनाने को एक और जहां कई रोड परियोजनाओं पर काम चल रहा है, वहीं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण भी जोर-शोर से हो रहा है। पिछले दिनों मसूरी में एक कार्यक्रम में भाग लेने गए उत्‍तर रेलवे रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने कहा था कि यह परियोजना दिसंबर 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी और इस पर ट्रेन चलने लगेगी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन कुल 125 किलोमीटर लंबी है. इसमें से इसका 105 किलोमीटर हिस्‍सा सुरंगों से गुजरेगा । रेलवे ट्रैक का काम लगभग पूरा हो चुका है । इस ट्रैक पर 16 मुख्य रेलवे पुल और चार छोटे रेलवे पुल बनाए जा रहे हैं । इसके अलावा श्रीनगर गढ़वाल, गोचर और कालेश्वर में रेलवे स्टेशनों को जोड़ने के लिए मोटर पुलों का निर्माण भी किया गया है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन 28 सालों से चर्चा में है। सतपाल महाराज के केंद्रीय मंत्री रहते 1996 में इस रेलवे लाइन के लिए सर्वेक्षण किया था। लेकिन, काम सर्वेक्षण से आगे नहीं बढा । साल 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद इस परियोजना ने गति पकड़ी और साल 2015 में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को बनाने का काम शुरू हुआ।

नई दिल्ली । 17 अक्टूबर  24 ।  क्या आप केदारनाथ जाने की योजना बना रहे हैं , तो आप हो जाएं निश्चिंत क्योंकि अब यह दुष्कर यात्रा हो जाएगी अत्यंत सरल,हिमायल मे चलेगी ट्रेन केदारनाथ धाम जाना होगा आसान । 2026 के अंत तक आप दिल्ली से सीधे कर्णप्रयाग जा सकेंगे।ऋषिकेश से कर्ण प्रयाग के लिए ट्रैक बिछाने का काम तेजी से चल रहा है । 125 किमी लंबे इस रेल प्रोजेक्ट में 35 पुल और 17 सुरंग से 105 किमी का हिस्सा रहेगा आच्छादित।  इसमें देवप्रयाग और लछमोली के बीच 15.1 किमी लंबी सुरंग भी है शामिल, जो उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश की सबसे बड़ी सुरंग भी बनने वाली है।

आसान हो जाएगी चारधाम यात्रा
ऋषिकेश -कर्णप्रयाग लाइन योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को कर्णप्रयाग से जोड़ेगी। इसके बन जाने से चार धाम यानी यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा आसान हो जाएगी। तीर्थ यात्रियों और उत्‍तराखंड के आम निवासियों के अलावा सेना के लिए भी यह रेलवे लाइन बहुत महत्‍वपूर्ण है। इस बन जाने से चीन की सीमा तक सैनिकों और सैन्‍य साजो-सामान की आवाजाही आसान हो जाएगी।

6 घंटे का सफर 2 घंटे में होगा पूरा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन बिछाने पर करीब ₹16,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रेलवे लाइन के बन जाने से दोनों शहरों के बीच आने-जाने में बहुत कम टाइम लगेगा। अभी सड़क मार्ग से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग जाने में कम से कम 6 घंटे लगते हैं। इस रेलवे लाइन के बन जाने से ट्रेन से यह सफर केवल 2 घंटे में ही पूरा किया जा सकेगा। इस रेलवे लाइन पर सबसे लंबी सुरंग 15.1 किलोमीटर लंबी है जो देवप्रयाग और लछमोली के बीच बनाई जा रही है।

12 स्‍टेशन बनेंगे

इन दोनों स्टेशनो के बीच कुल 12 स्टेशन होंगे । इनके नाम ऋषिकेश, मुनि की रेती, शिवपुरी, मंजिलगांव, सकनी, देवप्रयाग, कीर्तिनगर, श्रीनगर, धारी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, घोचर और कर्णप्रयाग है । कर्णप्रयाग उतरने के बाद आप आगे गाड़ी पकड़कर बदरीनाथ और केदारनाथ जा सकेंगे ।
इस लाइन में 12 स्टेशन, 17 सुरंगें और 35 पुल होंगे. ऋषिकेश, योग नगरी ऋषिकेश , टिहरी जिले में श्रीनगर , टिहरी , शिवपुरी और ब्यासी , पौड़ी में देवप्रयाग और डुंगरीपंथ, रुद्रप्रयाग जिले में रुद्रप्रयाग व घोलतीर और चमोली जिले में गौचर और कर्णप्रयाग शामिल रेलवे स्‍टेशन होंगे.

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