सोनभद्र।पिछले कुछ महीनों से सोनभद्र से गिट्टी बालू आदि खनिजों को लेकर परिवहन करने वाले वाहनों के खिलाफ खनिज विभाग द्वारा चलाये गए जांच अभियान में एक बात निकल कर आई कि कुछ लोग ऐसे परमिट के सहारे खनिज लेकर वाहनों का परिवहन कराने की कोशिश कर रहे हैं जो सामान्यतः दिखने में हूबहू विभाग की साइट से निकले एम एम 11 की तरह ही दिखते हैं पर जब उनकी गहनता के साथ जांच होती है तो पता चलता है कि उक्त परमिट फर्जी हैं।पिछले कुछ दिनों में इस तरह के फर्जी परमिट के सहारे परिवहन कर रहे वाहनों के खिलाफ खनिज विभाग द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है।
इस तरह के कारवाही के बाद कुछ वाहनस्वामियों ने यह बात उठाई की जब उक्त परमिट विभाग द्वारा अधिकृत साइट जैसा ही दिखाई देता है तो कम पढ़े लिखेट्रकों के चालक यह कैसे पता करेंगे कि उक्त परमिट सही है या फिर फर्जी,ऐसे में इस परमिट के सहारे उक्त चालक व वाहन स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाना बिल्कुल गैर कानूनी व विभाग द्वारा फर्जी परमिट देने वाले खनन व्यवसायियों को बचाने का कार्य कर केवल ट्रक मालिकों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

इस तरह के लगते आरोपों से बचने व फर्जी परमिट अर्थात एम एम 11 की डुप्लीकेसी रोकने के लिए ही खनिज विभाग ने एक ऐसे सिक्युरिटी पेपर पर एम एम 11 प्रपत्र जारी करने का निर्णय लिया है जिसकी डुप्लीकेसी असम्भव होगी।खनिज विभाग द्वारा अपनाए जा रहे उक्त उपाय के बाबत ही आज खनिज विभाग में खनिज व्यापारियों के साथ ज्येष्ठ खान अधिकारी ने बैठक कर विभाग द्वारा अपनाए जा रहे इस उपाय की जानकारी दी।अब 20 अप्रैल के बाद इसी सिक्युरिटी पेपर पर ही एम एम 11 जारी किए जाएंगे।परमिट की डुप्लीकेसी रोकने के लिए जिस सिक्योरिटी पेपर पर एम एम 11 जारी होने हैं वह पेपर अब विभाग द्वारा लीज धारकों को दिए जाएंगे जिस पर ही उन्हें एम एम 11 प्रिंट कर खनिज संपदा लेकर परिवहन करने वाले वाहनों को देना है।

खनिज विभाग द्वारा अपनाए जा रहे इस तरह के उपाय पर खनिज अधिकारी का कहना है कि पहले बाजार में उपलब्ध साधारण पेपर पर ही लीज धारक एम एम 11 प्रिंट कर वाहन चालक को दे देता था जिसकी डुप्लीकेसी आसान थी पर विभाग द्वारा जारी सिक्योरिटी पेपर की डुप्लीकेसी असम्भव है इसलिए एम एम 11 की डुप्लीकेसी नहीं हो सकती।फर्जी परमिट की डुप्लीकेसी रुकने से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।