उत्तर प्रदेशसोनभद्र

अपनाइये कुछ टिप्स , बन जायेगी होली बेहतर

सोनभद्र । होली सिर्फ रंगों का ही नहीं हंसी-ठिठोली व पुरानी रंजिश भुलाने व पुराने गिले-शिकवे दूर करने का भी त्यौहार है।लेकिन हम इस पर्व को तभी खुशनुमा बना सकते हैं, जब हम रंग को बदरंग कर देने वाले खतरों से सावधान रहें। आइए जानते हैं वरिष्ठ होमियोपैथ चिकित्सक डॉ.संजय कुमार सिंह से कुछ टिप्स जो बना सकते हैं हमारे त्यौहार को पूरी तरह यादगार

  • अच्छे किस्म के रंगों व गुलाल का ही प्रयोग करें। सस्ते हानिकारक रंगों, पेंटो, ग्रीस, मोबिल के प्रयोग से पूरी तरह परहेज करें। जहां तक हो सके प्राकृतिक तरीके से घरों में बने रंगों से ही होली खेलने का प्रयास करें।
  • बाजार के मिष्ठान्न के बजाय, घरों में बनाए गए मिष्ठान्न व पकवान पर ज्यादा भरोसा करें क्योंकि नकली मावा, खोए से बनी मिठाइयां सेहत के लिए नुकसानदेह होत हैं। इस दिन हल्के व सुपाच्य भोजन का प्रयोग करें तो बेहतर रहेगा।
  • घरों में दूध से पनीर बनाएं; ऐसे समय में आपूर्ति व मांग में काफी असमानता रही है। इसलिए मिलावटखोर आपके सेहत से खिलवाड़ करने में लग जाते हैं और बाजार नकली पनीर से पट जाता है।
  • रंग भरे गुब्बारे व टमाटर फेंकने से परहेज करें। क्योंकि इससे राह चलते लोगों को संतुलन बिगड़ जाता है और वह कभी-कभी बड़े हादसे का शिकार हो जाते हैं।
  • टायर व ज्वलनशील पदार्थों से परहेज करें। क्योंकि इनसे निकलने वाली गैस पर्यावरण प्रदूषित करने के साथ आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है।
  • इस दिन ध्वनिविस्तारक यंत्रों का इप्रयोग सावधानी व नियंत्रित तरीके से करें। ज्यादा ध्वनि हृदयरोगियों व परीक्षा देने वाले छात्रों को परेशान करती है।
  • त्यौहार के दिन भांग, शराब व अन्य नशे का सेवन न करें इससे आप के साथ पूरे परिवार को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। आपके स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ता है।
  • रंगों या अबीर-गुलाल के प्रयोग के कारण त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव दिखता है या त्वचा अथवा आंखों में जलन होती है तो तत्काल नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करे। ध्यान रखें जरा सी लापरवाही बड़े मर्ज का कारण बन जाती है।

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