सोनभद्र। इन दिनों सोनभद्र के लोक निर्माण विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और वहां नियमों की आड़ में सब कुछ बे नियम कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और यह सारा खेल अधीक्षण अभियंता की मिलीभगत से किया जा रहा है।जनाब यह हम नहीं कह रहे यह बात अब आम लोगों की जुंबा से निकलने लगी है और इसी बात से आहत होकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने पत्र प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि कुछ अधिकारी हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री व उनकी अगुवाई में चलने वाली सरकार को बदनाम करने के लिए नियमों को ताक पर रख भ्र्ष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग में पारदर्शी तरीके से टेंडर न कर मैनेजमेंट का खेल खेला जा रहा है और सीएसआर के धन का सिलेक्शन बांड बनाकर कुछ चहेते ठेकेदारों को कार्य देकर धन का बंदरबांट किया जा रहा । उन्होंने आगे कहा कि इस खेल में पीडब्ल्यूडी विभाग के साथ ही औद्योगिक कंपनियां भी सीएसआर के पैसे से मैनेजमेंट के खेल में शामिल है।

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ धर्मवीर तिवारी ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग में अधीक्षण अभियंता के इशारे पर सीएसआर के पैसे का बड़े पैमाने पर बंदरबांट किया जा रहा है। साथ ही विभागीय बचे हुए पैसे का सिलेक्शन बांड बनाकर या और किसी बांड पर वर्क आर्डर दिखाकर पैसे को निकाल लिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी खंडों में ई-टेंडर में भी L1 L2 L3 L4 में एल्बन के नाम से बांड बनाकर L4 और L3 के ठेकेदारों का मैनेजमेंट करके बांड बनाया जा रहा है जिसका प्रमाण डीएमएफ मद से होने वाले।कार्यों में देखा जा सकता है ।
डॉ धर्मवीर तिवारी ने कहा कि हिंडालको, रेनूसागर, लैंको, एनटीपीसी शक्तिनगर एनटीपीसी रिहंद ,अल्ट्राटेक ,एनसीएल जैसी बड़ी कंपनियों का जो सीएसआर का पैसा है उस पैसे का बड़े पैमाने पर जिले में दुरुपयोग किया गया है । नियम के अनुसार जिस क्षेत्र में कोई कम्पनी कार्यरत रहती है और कार्य के दौरान उस क्षेत्र में पड़ने वाले पर्यावरणीय प्रभावों सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों जिससे की मानव जीवन पर विपरीत असर पड़ता हो के प्रभाव को कम करने तथा उक्त क्षेत्र के विकास के लिए कम्पनी अपने लाभांश का कुछ प्रतिशत पैसा उस क्षेत्र के विकास के लिए देती हैं और यह पैसा देकर कंपनियां सरकार से लाभ भी लेती हैं लेकिन सोनभद्र में सही जगह सीएसआर के पैसे का उपयोग नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने कहा कि कार्यदाई विभाग लोकनिर्माण विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर अपने कुछ चहेते ठेकेदारों से मिलीभगत कर बिना टेंडर कराए ही सेलेक्शन बांड बनाकर करोड़ों रुपए के सीएसआर को बंदरबांट कर लिया गया है।इतना ही नहीं कुछ विभागीय जूनियर इंजीनियर तीन चार फर्जी कार्यो की एमबी कर व सिलेक्शन बांड बनाकर पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं और जनप्रतिनिधियों को भी भ्रमित कर रहे हैं । इतना ही नहीं जेई लोगो द्वारा फर्जी एमबी करके एक ही सलेक्सन बांड पर पैसा निकाला जा रहा है और शिकायत करने पर यह लोग गिरोह बनाकर जनप्रतिनिधियों को बदनाम करते हैं । ऐसे भ्रष्टाचारी गिरोह को किसी भी कीमत पर सरकार को बदनाम नहीं करने दिया जाएगा । इनके भ्रष्टाचार की शिकायत पूर्ण रूप से माननीय मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाया जाएगा। जरूरत पड़ेगी तो न्यायालय की भी शरण ली जाएगी।

डॉ धर्मवीर तिवारी ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग में लगभग 4 डिवीजन है जिसमें लगभग 20-22 जेई हैं लेकिन सीएसआर से किये जाने वाले कार्यो का बंटवारा केवल तीन-चार जेई को ही देकर सब कुछ मैनेज किया जा रहा है और तीन-चार जेई ही मिलकर लगभग पूरे सीएसआर का काम कर रहे हैं । जिससे कि जूनियर इंजीनियर लोगों में भी असंतोष है और यह असंतोष कभी भी फूट सकता है । विभाग के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर विभागीय लूट जारी है । कुछ दिन पूर्व डीएमएफ की शिकायत की गई थी जिसमें आनन-फानन में अधिशासी अभियंता ने बयान दिया कि कोई भी टेंडर उनके द्वारा नहीं किया गया जबकि दो बार उन्हीं के द्वारा टेंडर कराया गया था, तीसरी बार जानबूझकर सिलेक्शन बांड बना दिया गया जिसे बाद में खुद ही खत्म कर दिया गया ताकि कोई भ्रष्टाचार को पकड़ ना सके । सी एस आर के लिए पीडब्ल्यूडी को स्पष्ट निर्देश था की ई टेंडर अथवा जैम पोर्टल पर ई टेंडर किए जाएं ताकि भ्रष्टाचार से बचा जा सके लेकिन पूर्ण रूप से कार्य में जल्दबाजी कर जो धनराशि बची उसे भी बंदरबांट किया गया ।
इससे स्पष्ट है कि लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी मनमाने तरीके से निर्भीक होकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं और सरकार को बदनाम कर रहे हैं ,अब बहुत हो गया इन भ्र्ष्टाचार मे लिप्त अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री से कर इनके द्वारा पिछले कुछ वर्ष में कराए गए कार्यों की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी मिलेगा वह सलाखों के पीछे होगा।