
सोनभद्र। अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक, जिसकी स्थापना पूज्य महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी द्वारा की गई थी, की सोनभद्र शाखा में आज मोनी अमावस्या के पावन अवसर पर एक भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर शाखा प्रबंधक श्री रमाकांत शुक्ला द्वारा 10 लाख से अधिक सीताराम लिखने वाले भक्तों को श्री सीताराम नाम लिखने के उपलक्ष्य में प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

“यह केवल सम्मान नहीं, बल्कि जीवन का सार”
इस कार्यक्रम में प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले भक्तों में अपार श्रद्धा और उत्साह देखने को मिला। प्रमाणपत्र प्राप्त कर श्री अजय शेखर जी ने कहा,
“यह कोई साधारण सम्मान नहीं है, बल्कि जीवन के सार को समझने और उस पर चलने का प्रमाणपत्र है। इसे पाकर ऐसा महसूस हो रहा है कि जीवन सफल हो गया।”
इसी तरह श्री पारस नाथ मिश्र ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा,
“कहा जाता है कि राम से बड़ा राम का नाम। श्री सीताराम नाम बैंक की यह पहल लोगों को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति दिलाने में सहायक सिद्ध हो रही है।”

भक्तों का भव्य सम्मान
इस पावन अवसर पर सवर्गीय शारदा प्रसाद पाठक का प्रमाणपत्र उनके पुत्र गोपालस्वरुपपाठक सहित श्री सत्यपाल जैन, जगदीश पंथी, मिठाई लाल सोनी तथा रोहित तिवारी सहित अनेक भक्तों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। भक्तों का कहना था कि यह प्रमाणपत्र सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि उनके आध्यात्मिक सफर की अमूल्य धरोहर है।
सीताराम नाम लेखन: मोक्ष का मार्ग
अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक की इस अनूठी पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को भगवान श्रीराम के नाम की महिमा से जोड़ना है। इस बैंक के माध्यम से लाखों लोग अब तक श्री सीताराम नाम लिखकर आत्मिक शांति और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर हो चुके हैं।

आज के इस पावन आयोजन ने न केवल भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि राम नाम का स्मरण ही जीवन का सबसे बड़ा धन है।